मन

हमें अपने शरीर और मन दोनों पर ध्यान देना चाहिए।

शरीर को स्वस्थ रखने में मन का बहुत बड़ा योगदान होता है।

ज़्यादातर बिमारियां मन से होकर ही शरीर में प्रवेश करती हैं।

हमारा मन ही हमें अन्दर से मजबूत कमजोर बनाता है।

मन को ठीक करने की तीन अवस्थाएं हैं।

पहला ज्ञान ,दूसरा कर्म ,तीसरा समर्पण ।

बेचारगी

अपनी सफलता को मैं
बयां भी नहीं कर सकतीं।

क्योंकि मेरी सफलता के पीछे ,

मेरी बेचारगी छुपी है।

कुछ लोग तो अपने ग़म को

शराब में डूबो ते है।

पर मैं पनौ पर अपने गमों को बयां किए जाती हूं।

तु साथ देता तो तेरा ही नाम होता,

तु साथ न दे, तब भी तेरा ही नाम होगा।

क्योंकि, मैं औरत हूं न,

मेरे गुणों की समझ

कहां है लोगों में

वे तो सब परिस्थितियों पर नजर रखते हैं।

खूबसूरती

एक खुबसूरती जिस पर निगाहें ठहर जाती हैं ।

लाख कोशिश कर लो

उसकी कोशिश में भीग ही जाते हो।

डर है कि उसकी खूबसूरती कहीं तुफ़ान न मचा दे ।

पर फिर भी दिलों के तार जोड़ ही जाते हो।

मिलते नहीं हो, यही तो पीड़ा है।

पर फिर भी , ये पीड़ा बड़ी खूबसूरत है।

चाहत

चाहत तेरी मेरे मन में
कभी खत्म न हो ।

अंधेरे में भी तुम रोशनी का अहसास होता है ।

बहुत चाहा है तुझे टूट कर
लवों पर तेरा ही नाम रहता है ।

तु सुगंध है तु खुशबू है तु आस-पास है तु दूर है पर पास तेरा अहसास है ।

बैंढो न मेरे पास पनज़रों में तुझे बंद कर लूं । तेरे नरम हाथों पर अपनी तक़दीर लिख दूं ।

शब्द मौन है। पर हर पल हर क्षण तेरी आवाज क्यो सुनाई देती है

धीरे से बाहो में तुझको सिमटा लूं । भीतेरे ख्यालों में खुद को डुबा दूं

चाहत तेरी मेरे मन में कभी खत्म न हो
चाहत तेरी मेरे मन में कभी खत्म न हो ।

रात की खामोशी

रात की खामोशी में । तुम सो गये ,मैं जागती रही। मेरी तकदीर अब तुम लिखोगे
ये एहसास गुदगुदा गये ।

सपने जो प्यारे-प्यारे देखें थे वो नींद चुरा गये । हवा की सरसराहट जो कानों में रस धोल गई तुम सो गए मैं जागती रही ।

तुम्हारी सांसो की गर्माहट मदहोश कर गयी
पास इतने पास की धड़कनें गिन लू।

दूर आसमान में तारों का टिमटिमाना
दिल में धंटीया बजाने लगी
मजबूत कंधों का सहारा सुकून दे गया ।

तुम जाना ना मेरे करीब ही रहना रात की खामोशी मुझे मदहोश ही रहने देना ।

संकल्प

खुद से खुद का कैसा संकल्प
जो पल भर में ही ढेर हुआ। जीवन में कुछ बनने की ख़्वायिसे
जो ख़्वाबो में ही छोड़ गया।

कुछ तो कदम बढ़ाया होता
हम साथ लिए चलते तुझको। मंजिल तक पहुंचाते तूझको
आलस्य जो बीच न आया होता।

पर जब हम संकल्प करें तो
आलस्य को बीच न आने दें। मन में ऐसा विश्वास जगाते
जो क्षण भर में ही भंग न हो।

संकल्प का ऐसा तीर चलाते
जो लक्ष्य भेदने कर दे।
जीवन में कुछ बनने की ख्वाहिश
पूरा करके ही दम लें।

कोरोना

कोरोना से डरने की जरूरत नहीं। उसे समझने की जरूरत हैं। जिस तरह से हम अपने पर्यावरण,स्वास्थय और सफाई के प्रति लापरवाह होते जा रहे थे,। उसमें अब सुधार की जरूरत हैं। ये संदेश प्रृकृति की तरफ से आया हैं । इसे समझें। दो गज की दूरी ,मास्क हैं जरुरी।

धन्यवाद ।

प्यार के रंग

कहते हैं कवि दो ही लोग बनते हैं
जो प्यार करते हैं ,या जो प्यार में
धोखा खाते हैं।

प्यार के बहुत से रंग देखें मैंने । कुछ पीले, कुछ नीले ,कुछ सफ़ेद
पर इन रंगों पे प्यार कहीं ठहर न ही पाया।

क्योकि प्यार का कोई रंग नहीं होता। वो तो पानी सा होता हैं। ‌‌ बहता हैं तो निर्मल रहता हैं। ठहरता है तो किचड़ हो जाता हैं।

प्यार तो बहना जानता हैं ठहरना नहीं
प्यार तो देना जानता है लेना नहीं
यही प्यार का रंग हैं।

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