कहते हैं कवि दो ही लोग बनते हैं
जो प्यार करते हैं ,या जो प्यार में
धोखा खाते हैं।
प्यार के बहुत से रंग देखें मैंने । कुछ पीले, कुछ नीले ,कुछ सफ़ेद
पर इन रंगों पे प्यार कहीं ठहर न ही पाया।
क्योकि प्यार का कोई रंग नहीं होता। वो तो पानी सा होता हैं। बहता हैं तो निर्मल रहता हैं। ठहरता है तो किचड़ हो जाता हैं।
प्यार तो बहना जानता हैं ठहरना नहीं
प्यार तो देना जानता है लेना नहीं
यही प्यार का रंग हैं।
Hk
Beautiful. You would like my post: Love is a One Way Street
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Thank you. Yes of course I will
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My pleasure Suman 😊
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